सोमवार, 1 नवंबर 2010

प्रेम-पत्र

'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटता जितेन्द्र ‘जौहर’ का 'प्रेम-पत्र' . आपकी प्रतिक्रियाओं और प्रोत्साहन का यथावत इंतजार रहेगा...

आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी वैभवशाली ‘अभाव-महल’ में
आकुल-व्याकुल
उर्मिला के समक्ष
किसी लक्ष्मण का
भावमय गृहागमन !

आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी विस्मरण-गुहा में
उपेक्षित-तिरस्कृत
दमयन्ती के गिर्द
किसी निष्ठुर ‘नल’ की
सहृदय वापसी !

आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी उत्तप्त मरुस्थल में
तृषावंत-क्लांत
मृग के सम्मुख
सहसा किसी नखलिस्तान का
आह्लादक प्राकट्य !


आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी निर्जन-निर्तृण वनप्रांतर में
शाप-तापग्रस्त
प्रस्तर-शिला के शीश पर
किसी विरल बादल की
जीवन-जलवर्षा !
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नाम : जितेन्द्र ‘जौहर’/जन्म : 26 अगस्त, 1973 (काग़ज़ पर)20 जुलाई, 1971 (माँ ने बताया) / जन्म-स्थान : छिबरामऊ, (कन्नौज) उ.प्र./शिक्षा :एम. ए. (अंग्रेज़ी: भाषा एवं साहित्य), बी. एड., सी.सी.ए.
पी.जी. स्तर पर बैच टॉपर / अ.भा.वै.महासभा द्वारा ‘रजत-प्रतिमा’ से सम्मानित।
लेखन-विधाएँ : गीत, ग़ज़ल, दोहा, मुक्तछंद, हाइकू, मुक्तक, हास्य-व्यंग्य, लघुकथा,समीक्षा, भूमिका, आलेख, आदि। हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में समानान्तर लेखन।
प्रकाशन : दै.‘हिन्दुस्तान’, ‘दैनिक जागरण’, ‘गाण्डीव’, साप्ता./पाक्षिक‘पाञ्चजन्य’,सीधीबात,प्रेसमैन, बहुजनविकास मासिक ‘पाखी’ गोलकोण्डा दर्पण, कल्याण(गीता प्रेस), अक्षरपर्व, अट्टहास, त्रैमा.‘समांतर’, कथाबिम्ब,वसुधा(कनाडा), सार्थक, अक्षरम्‌ संगोष्ठी, व्यंग्य-यात्रा, सरस्वती सुमन, अक्षत्‌,युगीन-काव्या, मरु-गुलशन, चक्रवाक्‌, सरोपमा, गुफ़्तगू, व्यंग्य-तरंग,मेकलसुता, तेवरी-पक्ष, वार्षिक ‘हास्यम्‌-व्यंग्य‍म्‌’, हस्तक्षेप, आदि सहित
देश-विदेश की लगभग 200 पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। अनेकानेक महत्त्वपूर्ण समवेत संग्रहों में रचनाएँ संकलित।
सक्रिय योगदान : सम्पादकीय सलाहकार ‘प्रेरणा’(शाहजहाँपुर,उ.प्र.)/विशेष सहायोगी ‘प्रयास’(अलीगढ़,उ.प्र.) एवं ‘विविधा’(उत्तराखण्ड)।
प्रसारण : ई.टी.वी. के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘गुदगुदी’ में अनेक एपीसोड प्रसारित।आकाशवाणी से एकल काव्य-पाठ, साक्षात्कार एवं गोष्ठी आदि के दर्जनाधिक प्रसारण।
वेब मैग्ज़ीन्स एवं न्यूज़ पोर्टल्स पर रचनात्मक उपस्थिति।वीडियो एलबम में फ़िल्मांकित गीत शामिल।सिटी चैनल्स पर सरस कव्य-पाठ।
काव्य-मंच : संयोजन एवं प्रभावपूर्ण संचालन के लिए विशेष पहचान।ओजस्वी व मर्यादित हास्य-व्यंग्यपूर्ण काव्य-पाठ का प्रभावी निर्वाह।
भूमिका-लेखन : देश के अनेक सुप्रसिद्ध लेखकों की कृतियों में सारगर्भित भूमिका-लेखन।
अनुवाद : अंग्रेज़ी कथा-संग्रह ‘ऑफ़रिंग्स’ का हिन्दी अनुवाद।
संपादन : ‘अशोक अंजुम: व्यक्ति एवं अभिव्यक्ति’ (समग्र मूल्यांकनपरक कृति)।‘अरण्य का सौन्दर्य’ (डॉ. इन्दिरा अग्रवाल के सृजन पर आधारित समीक्षा-कृति)।‘त्योहारों के रंग, कविता के संग’ (तैयारी में...)।
विशेष : अनेक काव्य-रचनाएँ संगीतबद्ध एवं गायकों द्वारा गायन।राष्ट्रीय/ प्रान्तीय/ क्षेत्रीय स्तर पर विविध साहित्यिक/सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के निर्णायक-मण्डल में शामिल। उ. म. क्षे. सांस्कृतिक केन्द्र, (सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार)एवं‘स्टार इण्डिया फ़ाउण्डेशन’ द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में ‘फोनेटिक्स’,‘सेल्फ़
डेवलपमेण्ट’,‘कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेज़ेण्टेशन स्किल’, आदि विषयों पर कार्यशालाओं में रिसोर्स पर्सन/मुख्य वक्ता के रूप में प्रभावपूर्ण भागीदारी।
सम्मान/पुरस्कार:अनेक सम्मान एवं पुरस्कार (समारोहपूर्वक प्राप्त)। जैसे- पं. संतोष तिवारी स्मृति सम्मान, साहित्यश्री(के.औ.सु.ब. इकाई मप्र), नागार्जुन सम्मान, साहित्य भारती, महादेवी वर्मा सम्मान, आदि के अतिरिक्त विभिन्न प्रशस्तियाँ व स्मृति-चिह्न प्राप्त। प्रकाशित रचनाओपर 500-600 से अधिक प्रशंसा व आशीष-पत्र प्राप्त। अंतर्जाल पर जौहरवाणी के माध्यम से सक्रियता.
सम्प्रति : अंग्रेज़ी-अध्यापन (ए.बी.आई. कॉलेज, रेणुसागर, सोनभद्र, उप्र 231218), भारत.
सम्पर्क : आई आर- 13/6, रेणुसागर, सोनभद्र, (उ.प्र.) 231218 भारत.
मोबाइल नं. +91 9450320472.
ईमेल jjauharpoet@gmail.com

19 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर वर्णन शब्दों का चयन और भी सुंदर

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  2. प्रेम पत्र की बहुत सुन्दर उपमाये दी हैं ...

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  3. गज़ब की अभिव्यक्ति…………नये और सुन्दर बिम्ब प्रयोग्।

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  4. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द एवं उपमायें .....।

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  5. सुन्दर उपमाओं से सजी रचना.बहुत सुन्दर.

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  6. बहुत ही सुन्दर रचना..हमें जीतेन्द्र जी से मिलवाने के लिए धन्यवाद | साथ में अगर उनके ब्लॉग का लिंक भी दें तो अच्छा रहेगा...
    मैं अपनी रचनायें यहाँ कैसे प्रकाशित कर सकता हूँ...

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  7. shrishti evam jeevan ke vishaal falak par prem ki sarvochch satta
    ka bhavpoorn chitran sarahniy hai

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  8. वाह...भाई...वाह!
    मेरा ‘प्रेम-पत्र’ आप सभी विद्वज्जन बड़े मज़े से पढ़ रहे हैं! धन्यवाद...आपके उस अखण्ड ‘प्रेम’ के लिए जो आपने इस ‘प्रेम-पत्र’ को दिया!
    ......................

    KK जी, मेरा ‘प्रेम-पत्र’यूँ सार्वजनिक करने के लिए आपको: ".....!!!???...."
    ......................

    भाई शेखर सुमन जी,
    ये लीजिए..आपने याद किया, बंदा हाज़िर! सच्चे मन से भेजी गयी आपकी प्रेम-तरंगें मुझ तक पहुँच ही गयीं। आपने मेरे ब्लॉग की लिंक माँगी है, ये लीजिए...हुज़ूर-http://jitendrajauhar.blogspot.com/2010/10/blog-post_30.html#comments
    आपका स्वागत है... नहीं, नहीं,...आप सभी का स्वागत है!

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  9. आपका प्रेम-पत्र...
    जैसे किसी विस्मरण-गुहा में
    उपेक्षित-तिरस्कृत
    दमयन्ती के गिर्द
    किसी निष्ठुर ‘नल’ की
    सहृदय वापसी !


    waah kya kamaal ka varnan hai ..
    aapka prem patr bahut khoob

    जवाब देंहटाएं
  10. आपका प्रेम-पत्र...
    जैसे किसी निर्जन-निर्तृण वनप्रांतर में
    शाप-तापग्रस्त
    प्रस्तर-शिला के शीश पर
    किसी विरल बादल की
    जीवन-जलवर्षा !
    ....bahut sundar mukharit prem abhivanjana... sundar prayog

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  11. श्रद्धा जैन जी,
    धन्यवाद...आप इतनी दूर बैठी हैं, फिर भी नैकट्‌य-बोध का ह्रास नहीं होने देतीं। बहुत कम लोग मिलते हैं ऐसे! आपकी यह सदाशयता प्रणम्य है...दीप-पर्व की अनन्त-आत्मीय शुभकामनाएँ स्वीकारें!
    ................

    कविता रावत जी,
    आभारी हूँ आपका...! प्रस्तुत ‘प्रेम-पत्र’ में मुखरित प्रेम की अभिव्यंजना को आपने अपने अमूल्य पल देकर गौरवान्वित किया!

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  12. और हाँ...

    भाई KK जी एवं आकांक्षा जी,

    सर्वप्रथम दीपावली की अनन्त-आत्मीय मंगलकामनाएँ स्वीकारें!

    आपको तो ‘जौहरवाणी’ पर नयी पोस्ट का इंतज़ार था। लेकिन जब वहाँ एक-के-बाद-एक कई पोस्ट आयीं, तब आपने कोई दस्तक ही नहीं दी...कब होगी आहट...हुज़ूर?

    भाई...समय निकाल लिया करिए, ‘अपने’ साथ-साथ ‘अपनों’ के लिए भी...है न???!!!

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  13. अजी बहुत सुन्दर प्रेम-पत्र लिखा जितेन्द्र जी ने ..बहुत खूब...साधुवाद.

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  14. @ जितेन्द्र जी,
    एक लम्बे समय पश्चात् आज ही पोर्टब्लेयर लौटा हूँ. कुछ दिनों तक व्यस्तता बनी रहेगी.

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  15. @ Shekhar Suman,

    आप प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे अपनी 2 मौलिक रचनाएँ,जीवन वृत्त,फोटोग्राफ hindi.literature@yahoo.com पर भेज सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों.

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  16. दीपावली का ये पावन त्‍यौहार,
    जीवन में लाए खुशियां अपार।
    लक्ष्‍मी जी विराजें आपके द्वार,
    शुभकामनाएं हमारी करें स्‍वीकार।।

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  17. बहुत दिन बाद किसी का प्रेम पत्र पढ़ा...सुखद अहसास.

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  18. भाई रत्नेश जी,
    हाऽऽऽ...हाऽऽऽ...हाऽऽऽ! धन्यवाद!
    ......................

    KK जी,
    ‘जौहरवाणी’ जिसकी लिंक यह रही- http://jitendrajauhar.blogspot.com/2010/11/blog-post.html#comments पर छोड़े गये आपके कमेंट पर मैंने भी कुछ लिखा है, अवश्य देख लीजिएगा आकर, तथास्तु!

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'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे रचनाओं को प्रस्तुत करते हैं. जो रचनाकार इसमें भागीदारी चाहते हैं, वे अपनी 2 मौलिक रचनाएँ, जीवन वृत्त, फोटोग्राफ kk_akanksha@yahoo.com पर भेज सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों.
आपकी प्रतिक्रियाएं हमें सदैव प्रोत्साहन व संबल देती हैं...