सोमवार, 7 मार्च 2011

तेरा अहसास : सुमन 'मीत'

तेरा अहसास..‘मन’ मेरे

मेरे वजूद को

सम्पूर्ण बना देता है

और मैं

उस अहसास के

दायरे में सिमटी

बेतस लता सी

लिपट जाती हूँ

तुम्हारे स्वप्निल स्वरूप से

तब

मेरा वजूद

पा लेता है

एक

नया स्वरूप

उस तरंग सा

जो उभर आती है

शांत जल में

सूर्य की पहली किरण से

झिलमिलाती है ज्यूँ

हरी दूब में

ओस की नन्ही बूंद

तेरी वो खुली बाहें

मुझे समा लेती हैं

जब

अपने आगोश में

तो ‘मन’ मेरे

मेरा होना सार्थक

हो जाता है

मेरा अस्तित्व

पूर्णता पा जाता है

और उस

समर्पण से अभिभूत हो

मेरी रूह के

जर्रे जर्रे से

तेरी खुशबू आने लगती है

और

महक जाता है

मेरा रोम रोम......

पुलकित हो उठता है

एक ‘सुमन’ सा

तेरे अहसास का

ये दायरा

पहचान करा देता है

मेरी

मेरे वजूद से

और

मेरे शब्दों को

आकार दे देता है

मेरी कल्पना को

मूरत दे देता है....

मैं

उड़ने लगती हूँ

स्वछ्न्द गगन में

उन्मुक्त

तुम संग

निर्भीक ,निडर

उस पंछी समान

जिसकी उड़ान में

कोई बन्धन नहीं

बस हर तरफ

राहें ही राहें हों.....

‘मन’ मेरे

तेरा ये अहसास

मुझे खुद से मिला देता है

मुझे जीना सिखा देता है

‘मन’ मेरे.....

‘मन’ मेरे
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सुमन 'मीत'/मण्डी, हिमाचल प्रदेश/ मेरे बारे में-पूछी है मुझसे मेरी पहचान; भावों से घिरी हूँ इक इंसान; चलोगे कुछ कदम तुम मेरे साथ; वादा है मेरा न छोडूगी हाथ; जुड़ते कुछ शब्द बनते कविता व गीत; इस शब्दपथ पर मैं हूँ तुम्हारी “मीत”!अंतर्जाल पर बावरा मन के माध्यम से सक्रियता.

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर कविता..बधाई.


    _______________
    पाखी बनी परी...आसमां की सैर करने चलेंगें क्या !!

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  2. वाह! मन के साथ मन के पार जाना …………बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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  3. आकांक्षा जी
    मेरी रचना प्रकाशित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ........

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  4. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 08-03 - 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    http://charchamanch.uchcharan.com/

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  5. आज मंगलवार 8 मार्च 2011 के
    महत्वपूर्ण दिन "अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को "सुगना फाऊंडेशन जोधपुर "और "आज का आगरा" की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. आपका आपना

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  6. प्रेम में अंतस तक डूब कर लिखी रचना ... हर लफ्ज़ से प्रेम की खुशबू आ रही है ..

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  7. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना..

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