'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज 'वेलेंटाइन डे' पर प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती लीला तिवानी की एक कविता. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...
प्रेम मन की आशा है,
करता दूर निराशा है,
चन्द शब्दों में कहें तो,
प्रेम जीवन की परिभाषा है.
प्रेम से ही सुमन महकते हैं,
प्रेम से ही पक्षी चहकते हैं,
चन्द शब्दों में कहें तो,
प्रेम से ही सूरज-चांद-तारे चमकते हैं,
प्रेम शीतल-मंद-सुवासित बयार है,
ऋतुओं में बसंत बहार है,
चन्द शब्दों में कहें तो,
प्रेम आनंद का आधार है.
प्रेम हमारी आन है.
प्रेम देश की शान है.
चन्द शब्दों में कहें तो,
प्रेम प्रभु का वरदान है.
प्रेम मन की आशा है,
करता दूर निराशा है,
चन्द शब्दों में कहें तो,
प्रेम जीवन की परिभाषा है.
प्रेम से ही सुमन महकते हैं,
प्रेम से ही पक्षी चहकते हैं,
चन्द शब्दों में कहें तो,
प्रेम से ही सूरज-चांद-तारे चमकते हैं,
प्रेम शीतल-मंद-सुवासित बयार है,
ऋतुओं में बसंत बहार है,
चन्द शब्दों में कहें तो,
प्रेम आनंद का आधार है.
प्रेम हमारी आन है.
प्रेम देश की शान है.
चन्द शब्दों में कहें तो,
प्रेम प्रभु का वरदान है.
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'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे रचनाओं को प्रस्तुत करते हैं. जो रचनाकार इसमें भागीदारी चाहते हैं, वे अपनी 2 मौलिक रचनाएँ, जीवन वृत्त, फोटोग्राफ kk_akanksha@yahoo.com पर भेज सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों.
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