सप्तरंगी प्रेम

'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग एक ऐसा मंच है, जहाँ हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं. रचनाएँ किसी भी विधा और शैली में हो सकती हैं. आप भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 2 मौलिक रचनाएँ, जीवन वृत्त, फोटोग्राफ kk_akanksha@yahoo.com पर भेज सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों.

बुधवार, 23 मार्च 2016

रंग रंग राधा हुई, कान्हा हुए गुलाल

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रंग रंग राधा हुई, कान्हा हुए गुलाल वृंदावन होली हुआ सखियाँ रचें धमाल होली राधा श्याम की और न होली कोय जो मन रांचे श्याम रंग, रंग...
रविवार, 14 फ़रवरी 2016

प्यार का भी भला कोई नाम होता है ...

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तुम मिले तो जिंदगी में रंग भर गए।  तुम मिले तो जिंदगी के संग हो लिए।  प्यार का भी भला कोई दिन होता है। इसे समझने में तो जिंदगिया...
गुरुवार, 24 दिसंबर 2015

ओ प्रेम !

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ओ प्रेम ! जन्मा ही कहाँ है अभी तू मेरे कोख से कि कैसे कहूँ तुझे जन्मदिन मुबारक दुबका पड़ा है अब भी मेरी कोख में सहमा-सहमा सा कि कैस...
बुधवार, 23 दिसंबर 2015

ये दुनिया हमारी सुहानी न होती

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ये दुनिया हमारी सुहानी न होती, कहानी ये अपनी कहानी न होती । ज़मीं चाँद -तारे सुहाने न होते, जो प्रिय तुम न होते,अगर तुम न होते। न ये...
गुरुवार, 19 नवंबर 2015

मेरे गीतों में आकर के तुम क्या बसे

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मेरे गीतों में आकर के तुम क्या बसे, गीत का स्वर मधुर माधुरी हो गया। अक्षर अक्षर सरस आम्रमंजरि हुआ, शब्द मधु की भरी गागरी हो गया। तुम...
शनिवार, 13 जून 2015

जब से मैं रंगा हूँ तेरे प्रेम रंग में रंग रसिया

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'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर  आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती सुभाष प्रसाद गुप्ता की  कविताएं. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...
रविवार, 20 अप्रैल 2014

ज़बां लफ्ज़े मुहब्बत है

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ज़बां लफ्ज़े मुहब्बत है दिलों में पर अदावत है । न कोई रूठना मनाना यही तुम से शिकायत है । कि बस रोज़ी कमाते सब नहीं कोई हिकायत है । ...
बुधवार, 16 अप्रैल 2014

हर जनम में साथ रहना, हर समय तुम मुस्कराना

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तुम अकेले रह गए तो भोर का तारा बनूं मै। मै अकेला रह गया तो रात बनकर पास आना। तुम कलम की नोक से उतरे हो अक्षर की तरह। मै समय के मोड़ प...
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

प्रेम जीवन की परिभाषा है...

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'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर  आज   'वेलेंटाइन डे' पर   प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती लीला तिवानी  की एक कविता. आपकी प्रतिक...
मंगलवार, 4 फ़रवरी 2014

फिर वसंत की आत्मा आई - सुमित्रानंदन पंत

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फिर वसंत की आत्मा आई, मिटे प्रतीक्षा के दुर्वह क्षण, अभिवादन करता भू का मन ! दीप्त दिशाओं के वातायन, प्रीति सांस-सा मलय समीरण, ...
रविवार, 3 नवंबर 2013

यही प्यार है

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डायरी के पुराने पन्नों को पलटिये तो बहुत कुछ सामने आकर घूमने लगता है. ऐसे ही इलाहाबाद विश्विद्यालय में अध्ययन के दौरान प्यार को लेकर एक ...
मंगलवार, 1 अक्टूबर 2013

एक सपना

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'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर  आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती  अरविंद भटनागर ' शेखर'  की एक कविता. आपकी प्रतिक्रियाओं का...
बुधवार, 25 सितंबर 2013

है चाहता बस मन तुम्हें

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'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर  आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती कृष्ण शलभ जी  की एक कविता. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...  ...
शनिवार, 14 सितंबर 2013

मैं तुझसे प्रीत लगा बैठा

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'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर  आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती  उदयभानु ‘हंस’  जी   की एक कविता. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेग...
शुक्रवार, 13 सितंबर 2013

खिलता वसंत

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' सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर  आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती फाल्गुनी की एक कविता. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...  इन ...
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