सपना सपना ही रहने दो,
सपने मैं ही सही तुम्हे अपना कहने दो,
तुम्हें मुबारक हो घर अपना
दीवारों से मुझको लिपटा रहने दो,
महफ़िल में गाना तुम गीत अपने ,
ग़ज़ल मेरी है मुझे ग़ज़ल कहने दो,
लहरों ने छुआ साहिल को कई बार,
मुझे तुम्हारा अहसास ही रहने दो,
खामोश हैं लब मेरे तो कोई बात नहीं ,
कहते है कहानी आँखों के अश्क उन्हें कहने दो,
मील के पत्थर बताते हैं मंजिल का पता.
पत्थर ही सही उसे मेरा हम सफ़र रहने दो,
सब कह लेते है जज़्बात अपनी जुबान से,
कलम मेरी भी कुछ कहती है उसे कहने दो.
इंतज़ार की हद्द बाकी है अभी,
आँखों को मरने के बाद भी खुला रहने दो,
सपना सपना ही रहने दो,
सपने मैं ही सही तुम्हे अपना कहने दो.
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(नीलम पुरी जी के जीवन-परिचय के लिए क्लिक करें)
20 टिप्पणियां:
sapne me hi sahi, apna to kahne do.......:)
kitni pyari baat kahi aapne!!
god bless.....!!
इंतज़ार की हद्द बाकी है अभी,
आँखों को मरने के बाद भी खुला रहने दो,
बहुत सुन्दर गज़ल...
सपना सपना ही रहने दो,
सपने मैं ही सही तुम्हे अपना कहने दो.
...खूबसूरत अभिव्यक्ति..शानदार ग़ज़ल..बधाई नीलम पुरी जी को.
Mukesh jee..bahut bahut shukriya.
Sangeeta jee dhanyavaad..:)
Sangeeta jee dhanyavaad..:)
Akansha jee ..bahut shukriya .
Akansha jee ..bahut shukriya .
सपना सपना ही रहने दो,
सपने मैं ही सही तुम्हे अपना कहने दो.
............क्या नज्म लिखी है आपने नीलम जी
मन को भा गई ......
बहुत सुन्दर गज़ल...
कित्ती प्यारी रचना...बधाई.
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पाखी की दुनिया में मायाबंदर की सैर करें...
बहुत सुन्दर कविता ................ बेहतरीन................
आप की रचना 20 अगस्त, शुक्रवार के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपने सुझाव देकर हमें प्रोत्साहित करें.
http://charchamanch.blogspot.com
आभार
अनामिका
खामोश हैं लब मेरे तो कोई बात नहीं ,
कहते है कहानी आँखों के अश्क उन्हें कहने दो,
आपने इतनी खूबसूरती से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है कि प्रशंसा के लिये शब्द नहीं हैं मेरे पास ! इतनी प्यारी रचना के लिये बधाई एवं आभार !
gazal bahut hi achhi hui he
badhai swikare
bahut bahut badhai neelam puriji
कोमल भाव,सहज सुन्दर अभिव्यक्ति...
बहुत सुन्दर ग़ज़ल..
सब कह लेते है जज़्बात अपनी जुबान से,
कलम मेरी भी कुछ कहती है उसे कहने दो.
बहुत सुन्दर बहुत खूब लिखती हैं आप ...बेहद पसंद आया आपका लिखा हुआ
bahut achhe
सपना सपना ही रहने दो,
.....क्या नज्म लिखी है आपने नीलम जी
आज पहली बार आना हुआ पर आना सफल हुआ बेहद प्रभावशाली प्रस्तुति
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