और कुछ देर में चाँद, बादलों से घिर जायेगा..
बुझ जायेगी शमां अँधेरा रोशन हो जायेगा...
तन्हाई के इस सीले से मौसम में,
फिर कोई दर्द के अलाव जलाएगा...
थक-हार कर बैठ के शबिस्तानों में अपने, वह
तन्हाई समेटेगा और गम की चादर बिछायेगा....
है जिस की खवाहिश उसको रात की इस घडी में,
वो शख्स उससे मिलने आखिरी-ए-शब् तक न आ पायेगा...
इस वक़्त वह अकेला है तो उसे अकेला रहने दो,
इस तन्हाई में ही वो खुद को हल्का कर पायेगा...
ये उदासी, ये आंसू ही उसको कुछ सहारा दे पायेंगे,
वरना वो अपने दिल पर इक बोझ ढोता जायेगा....
जब सूख जायेगा पानी उसकी आँखों का बह-बह कर,
वो खुद ही फिर यहाँ से चुप-चाप चला जायेगा....
शायद यही आंसू उसको कुछ होंसला दें पायें फिर से,
और तभी शायद वो अपने खोये लम्हे तलाश कर पायेगा....
सिर्फ ऐसी ही रातें तो अब उसकी ज़िन्दगी का सरमाया है,
यही कसक है जो उससे बादे-मौत भी जुदा न हो पायेगा...
इक आखिरी-पहर तो उसको उसको चैन से जी लेने दो दुनिया वालों,
कल तक तो वो तुम्हारे लिए अपना सब कुछ लुटा जाएगा...
तुम तंगदिल थे और हमेशा तंगदिल ही रहोगे,
जाने कब तुम्हें उसके जज्बातों का एहसास हो पायेगा...
तुम देते रहे हो और देते रहना आगे भी उसको बद्दुआएं,
फिर भी मरता हुआ, हंस कर वो तुम्हें दुआ दे जायेगा....
**********************************************************************************
मानव मेहता /स्थान -टोहाना/ शिक्षा -स्नातक (कला) स्नातकोतर (अंग्रेजी) बी.एड./ व्यवसाय -शिक्षक/अंतर्जाल पर सारांश -एक अंत.. के माध्यम से सक्रिय।
14 टिप्पणियां:
वाह!
बहुत खूब।
खूबसूरत अभिव्यक्ति
ओह! बेहतरीन। खुबसुरत एहसास है। धन्यवाद।
सिर्फ ऐसी ही रातें तो अब उसकी ज़िन्दगी का सरमाया है,
यही कसक है जो उससे बादे-मौत भी जुदा न हो पायेगा...
इक आखिरी-पहर तो उसको उसको चैन से जी लेने दो दुनिया वालों,
कल तक तो वो तुम्हारे लिए अपना सब कुछ लुटा जाएगा...
bahut sundar ahasaas..dil ko chhoo lene waali prastuti..
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
तुम तंगदिल थे और हमेशा तंगदिल ही रहोगे,
जाने कब तुम्हें उसके जज्बातों का एहसास हो पायेगा...
तुम देते रहे हो और देते रहना आगे भी उसको बद्दुआएं,
फिर भी मरता हुआ, हंस कर वो तुम्हें दुआ दे जायेगा....
प्रभावशाली अभिव्यक्ति।
कित्ती सुन्दर कविता...बधाई !!
जज्बातों का अहसास दिल को छू गया | बहुत सुन्दर रचना ....
आकांक्षा जी मेरी रचना प्रकाशित करने के लिए आपका शुक्रगुजार हूँ ............और मेरी रचना पसंद करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत आभार |
उत्तम विचार! बहुत अच्छी प्रस्तुति
तुम देते रहे हो और देते रहना आगे भी उसको बद्दुआएं,
फिर भी मरता हुआ, हंस कर वो तुम्हें दुआ दे जायेगा....
...बहुत उम्दा सोच...साधुवाद.
@ Manav,
धन्यवाद. यूँ ही अपनी रचनाधर्मिता की निरंतरता बनाये रखें...शुभकामनाओं सहित.
खूबसूरत अभिव्यक्ति
भावों से भरी बहुत ही अच्छी कविता .... सुंदर प्रस्तुति.
एक टिप्पणी भेजें