'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती नीरजा द्विवेदी जी की कविता. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...
बाँसुरी प्रीति की बजने लगी है विजन
सनसनी सी उठी, आओ न मेरे सजन.
गुनगुनी धूप है सहला रही तन-बदन,
खिलखिलाती कली उड़ा रही है सुगन्ध,
सनसनाती हुई बह रही शीतल पवन,
अनसुनी प्रिय कथा सुना रही है मगन.
बाँसुरी प्रीति की बजने लगी है विजन
सनसनी सी उठी, आओ न मेरे सजन.
गुलाल किन्चती निशा, छुप गयी है गगन.
छुई-मुई सी उषा, लजा गयी बन दुल्हन.
प्रकृति ज्यों रति बनी, बढ़ा रही है अगन.
बयार सन्दली बही, जला रही तन-बदन.
बाँसुरी प्रीति की बजने लगी है विजन
सनसनी सी उठी, आओ न मेरे सजन.
धौंकनी श्वांस की बजा रही जल तरंग,
कामदेव तीर पर सजा रहे हैं सुमन,
करती नृत्य राधिका, ताल दे रहे मोहन,
जी की कैसे कहूँ, आओ न मेरे सजन.
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नामः नीरजा द्विवेदी/ शिक्षाः एम.ए.(इतिहास).वृत्तिः साहित्यकार एवं गीतकार. समाजोत्थान हेतु चिंतन एवं पारिवारिक समस्याओं के निवारण हेतु सक्रिय पहल कर अनेक परिवारों की समस्याओं का सफल निदान. सामाजिक एवं मानवीय सम्बंधों पर लेखन. ‘ज्ञान प्रसार संस्थान’ की अध्यक्ष एवं उसके तत्वावधान में निर्बल वर्ग के बच्चों हेतु निःशुल्क विद्यालय एवं पुस्तकालय का संचालन एवं शिक्षण कार्य.
प्रकाशन/ प्रसारण - कादम्बिनी, सरिता, मनोरमा, गृहशोभा, पुलिस पत्रिका, सुरभि समग्र आदि अनेकों पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में लेख, कहानियां, संस्मरण आदि प्रकाशित. भारत, ब्रिटेन एवं अमेरिका में कवि गोष्ठियों में काव्य पाठ, बी. बी. सी. एवं आकाशवाणी पर कविता/कहानी का पाठ। ‘
कैसेट जारी- गुनगुना उठे अधर’ नाम से गीतों का टी. सीरीज़ का कैसेट.
कृतियाँ- उपन्यास, कहानी, कविता, संस्मरण एवं शोध विधाओं पर आठ पुस्तकें प्रकाशित- दादी माँ का चेहरा, पटाक्षेप, मानस की धुंध(कहानी संग्रह,कालचक्र से परे (उपन्यास, गाती जीवन वीणा, गुनगुना उठे अधर (कविता संग्रह), निष्ठा के शिखर बिंदु (संस्मरण), अशरीरी संसार (साक्षात्कार आधारित शोध पुस्तक). प्रकाश्य पुस्तकः अमेरिका प्रवास के संस्मरण.
सम्मानः विदुषी रत्न-अखिल भारतीय ब्रज साहित्य संगम, मथुरा, गीत विभा- साहित्यानंद परिषद, खीरी, आथर्स गिल्ड आफ़ इंडिया- 2001, गढ़-गंगा शिखर सम्मान- अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन, भारत भारती- महाकोशल साहित्य एवं संस्कृति परिषद, जबलपुर, कलाश्री सम्मान, लखनऊ, महीयसी महादेवी वर्मा सम्मान- साहित्य प्रोत्साहन संस्थान लखनऊ, यू. पी. रत्न- आल इंडिया कान्फ़रेंस आफ़ इंटेलेक्चुअल्स, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान- सर्जना पुरस्कार.
अन्य- अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार कल्याण समिति के रूप में उत्तर प्रदेश के पुलिसजन के कल्याणार्थ अतिश्लाघनीय कार्य. भारतीय लेखिका परिषद, लखनऊ एवं लेखिका संघ, दिल्ली की सक्रिय सदस्य.
संपर्क- 1/137, विवेकखंड, गोमतीनगर, लखनऊ. दूरभाषः 2304276 , neerjadewedy@yahoo.com
बाँसुरी प्रीति की बजने लगी है विजन
सनसनी सी उठी, आओ न मेरे सजन.
गुनगुनी धूप है सहला रही तन-बदन,
खिलखिलाती कली उड़ा रही है सुगन्ध,
सनसनाती हुई बह रही शीतल पवन,
अनसुनी प्रिय कथा सुना रही है मगन.
बाँसुरी प्रीति की बजने लगी है विजन
सनसनी सी उठी, आओ न मेरे सजन.
गुलाल किन्चती निशा, छुप गयी है गगन.
छुई-मुई सी उषा, लजा गयी बन दुल्हन.
प्रकृति ज्यों रति बनी, बढ़ा रही है अगन.
बयार सन्दली बही, जला रही तन-बदन.
बाँसुरी प्रीति की बजने लगी है विजन
सनसनी सी उठी, आओ न मेरे सजन.
धौंकनी श्वांस की बजा रही जल तरंग,
कामदेव तीर पर सजा रहे हैं सुमन,
करती नृत्य राधिका, ताल दे रहे मोहन,
जी की कैसे कहूँ, आओ न मेरे सजन.
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नामः नीरजा द्विवेदी/ शिक्षाः एम.ए.(इतिहास).वृत्तिः साहित्यकार एवं गीतकार. समाजोत्थान हेतु चिंतन एवं पारिवारिक समस्याओं के निवारण हेतु सक्रिय पहल कर अनेक परिवारों की समस्याओं का सफल निदान. सामाजिक एवं मानवीय सम्बंधों पर लेखन. ‘ज्ञान प्रसार संस्थान’ की अध्यक्ष एवं उसके तत्वावधान में निर्बल वर्ग के बच्चों हेतु निःशुल्क विद्यालय एवं पुस्तकालय का संचालन एवं शिक्षण कार्य.
प्रकाशन/ प्रसारण - कादम्बिनी, सरिता, मनोरमा, गृहशोभा, पुलिस पत्रिका, सुरभि समग्र आदि अनेकों पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में लेख, कहानियां, संस्मरण आदि प्रकाशित. भारत, ब्रिटेन एवं अमेरिका में कवि गोष्ठियों में काव्य पाठ, बी. बी. सी. एवं आकाशवाणी पर कविता/कहानी का पाठ। ‘
कैसेट जारी- गुनगुना उठे अधर’ नाम से गीतों का टी. सीरीज़ का कैसेट.
कृतियाँ- उपन्यास, कहानी, कविता, संस्मरण एवं शोध विधाओं पर आठ पुस्तकें प्रकाशित- दादी माँ का चेहरा, पटाक्षेप, मानस की धुंध(कहानी संग्रह,कालचक्र से परे (उपन्यास, गाती जीवन वीणा, गुनगुना उठे अधर (कविता संग्रह), निष्ठा के शिखर बिंदु (संस्मरण), अशरीरी संसार (साक्षात्कार आधारित शोध पुस्तक). प्रकाश्य पुस्तकः अमेरिका प्रवास के संस्मरण.
सम्मानः विदुषी रत्न-अखिल भारतीय ब्रज साहित्य संगम, मथुरा, गीत विभा- साहित्यानंद परिषद, खीरी, आथर्स गिल्ड आफ़ इंडिया- 2001, गढ़-गंगा शिखर सम्मान- अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन, भारत भारती- महाकोशल साहित्य एवं संस्कृति परिषद, जबलपुर, कलाश्री सम्मान, लखनऊ, महीयसी महादेवी वर्मा सम्मान- साहित्य प्रोत्साहन संस्थान लखनऊ, यू. पी. रत्न- आल इंडिया कान्फ़रेंस आफ़ इंटेलेक्चुअल्स, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान- सर्जना पुरस्कार.
अन्य- अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार कल्याण समिति के रूप में उत्तर प्रदेश के पुलिसजन के कल्याणार्थ अतिश्लाघनीय कार्य. भारतीय लेखिका परिषद, लखनऊ एवं लेखिका संघ, दिल्ली की सक्रिय सदस्य.
संपर्क- 1/137, विवेकखंड, गोमतीनगर, लखनऊ. दूरभाषः 2304276 , neerjadewedy@yahoo.com
10 टिप्पणियां:
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 01-03 - 2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/
आनन्द आया नीरजा जी की रचना पढ़कर.
मन को भाती रचना
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति..
सुंदर भावों से सजी रचना ... नीरजा जी से मिल कर अच्छा लगा ... आभार आपका ..
सुंदर भाव
pyare bhawo se sajee kavita..:)
कामदेव तीर पर सजा रहे हैं सुमन,
करती नृत्य राधिका, ताल दे रहे मोहन,
जी की कैसे कहूँ, आओ न मेरे सजन.
...Beautifull Lines.
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति..
आपका आभार!
सर्व आदर्णीय संगीता स्वरूप जी, उड़न तश्तरी जी, मोहिन्दर कुमार जी, कैलाशचन्द्र शर्मा जी, क्षितिजा जी, अजय कुमार जी, मुकेश कुमार सिन्हा जी, कविता रावत जी, शब्द साहित्य
आप लोगों ने मेरी कविता- ’बांसुरी प्रीत की बज रही है विजन’- पढ़ी और सराहना करके मुझे आशीर्वाद दिया, इसके लिये आभारी हूं. मेरा कविता संग्रह - ’मन वीणा के तार छेड़ दो’ एवं कुछ कहानियां मेरे ब्लौग- Neerja Dewedy's World पर संगृहीत हैं. यदि आप लोगों का आशीर्वाद मिलेगा तो आभारी हूंगी. धन्यवाद सहित- नीरजा द्विवेदी.
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