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सोमवार, 6 जून 2011

मेरी कौन हो तुम : सुमन 'मीत'

'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती सुमन 'मीत' की एक कविता। आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...

पूछती हो मुझसे
मेरी कौन हो तुम !

मैं पथिक तुम राह
मैं तरु तुम छाँव
मैं रेत तुम किनारा
मैं बाती तुम उजियारा

पूछती हो मुझसे मेरी....!

मैं गीत तुम सरगम
मैं प्रीत तुम हमदम
मैं पंछी तुम गगन
मैं सुमन तुम चमन

पूछती हो मुझसे मेरी....!

मैं बादल तुम बारिश
मैं वक्त तुम तारिख
मैं साहिल तुम मौज
मैं यात्रा तुम खोज

पूछती हो मुझसे मेरी....!

मैं मन तुम विचार
मैं शब्द तुम आकार
मैं कृत्य तुम मान
मैं शरीर तुम प्राण

पूछती हो मुझसे
मेरी कौन हो तुम !!
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सुमन 'मीत'/मण्डी, हिमाचल प्रदेश/ मेरे बारे में-पूछी है मुझसे मेरी पहचान; भावों से घिरी हूँ इक इंसान; चलोगे कुछ कदम तुम मेरे साथ; वादा है मेरा न छोडूगी हाथ; जुड़ते कुछ शब्द बनते कविता व गीत; इस शब्दपथ पर मैं हूँ तुम्हारी “मीत”! अंतर्जाल पर बावरा मन के माध्यम से सक्रियता.






10 टिप्‍पणियां:

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

मैं रवि, तुम रविप्रभा!
मैं विधु, तुम विभा!
मैं नयन, तुम नयनाभिराम!
मैं राधा, तुम मधुश्याम!
--
और भी बहुत कुछ ... ... .
--
सचमुच, यह कविता
प्रेम की सघन अनुभूतियों को
महका देती है!

M VERMA ने कहा…

मैं मन तुम विचार
मैं शब्द तुम आकार
मैं कृत्य तुम मान
मैं शरीर तुम प्राण

सघन अनुभूति और प्रेम पगी रचना
बहुत सुन्दर्

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आज तो टिप्पणी मे यही कहूँगा कि सुमन मीत जी की बहुत उम्दा रचना है यह!

एक मिसरा यह भी देख लें!

दर्देदिल ग़ज़ल के मिसरों में उभर आया है
खुश्क आँखों में समन्दर सा उतर आया है

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

आकांक्षा जी ..बहुत बहुत शुक्रिया मेरी रचना प्रकाशित करने के लिए .....

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

रवि जी ..बहुत बहुत शुक्रिया ... बहुत सुन्दर लिखा है आपने

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

शास्त्री जी ..बहुत बहुत शुक्रिया ..ये मेरी पसंदीदा रचना में से एक है ....

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

शुक्रिया वर्मा जी

Vivek Jain ने कहा…

मैं मन तुम विचार
मैं शब्द तुम आकार
मैं कृत्य तुम मान
मैं शरीर तुम प्राण


बहुत सुन्दर
बधाई हो आपको - विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

सुमन मीत जी तो वाकई काफी भाव-प्रवण लिखती हैं..बधाई.



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'यदुकुल' पर पढ़ें- सायकिल यात्री हीरालाल यादव के जुनून को सलाम !!

Manav Mehta 'मन' ने कहा…

suman, tumhari rachnaaon mein se ye meri pasandida rachna hai........... sundar.........bahut sundar.......
God bless u........... :)