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गुरुवार, 29 अप्रैल 2010

मेरा हृदय अलंकृत

'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटता रावेन्द्र कुमार रवि का एक प्रेम-गीत 'मेरा हृदय अलंकृत'. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...

मेरा हृदय अलंकृत होकर
करे न क्यों परिहास!
उसे मिला है-
मुग्ध चंद्रिका-सा अनुरंजित हास!
बनी उदासी की रेखाएँ
मुस्कानों का आलेखन!
अनुरागी मन करता नर्तन
पाकर सुख का संवेगन!
चाहत की हर
सखी कर रचाती तृप्तिपूर्ण मधुरास!
उसे मिला है-
मुग्ध चंद्रिका-सा अनुरंजित हास!
बूँद-बूँद में प्रीत सजाकर
जैसे सज जाता सावन!
आशाओं की परिभाषा में
जुड़े शब्द कुछ मनभावन!
प्रणय-लता हो
रही सुहागिन पाकर समन-सुवास!
उसे मिला है-
मुग्ध चंद्रिका-सा अनुरंजित हास!
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नाम - रावेंद्रकुमार रवि
जन्म - 02.05.1966 (बरेली)
शैक्षिक योग्यताएँ - एम.एस-सी. (गणित), एल.टी. (विज्ञान), हिंदी में सृजनात्मक लेखन में डिप्लोमा ।
सृजन-विधाएँ - बालकथा, बालकविता, लघुकथा, नवगीत, समीक्षा ।
प्रकाशन -1983 से निरंतर लेखन एवं सभी विधाओं में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन । पहली बालकहानी नंदन में और पहली बालकविता अमर उजाला में प्रकाशित । यूनिसेफ और एकलव्य द्वारा एक-एक चित्रकथा-पुस्तक, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा सृजनात्मक शिक्षा के अंतर्गत गणित की गतिविधि-पुस्तक "वृत्तों की दुनिया" और सौ से अधिक जानी-पहचानी पत्रिकाओं, कुछ संकलनों व पत्रों के साहित्यिक परिशिष्टों में साढ़े तीन सौ से अधिक रचनाएँ प्रकाशित । एक-एक कहानी का राजस्थानी, सिंधी व अँगरेज़ी में अनुवाद । कुछ अंतरजाल पत्रिकाओं पर भी रचनाएँ प्रकाशित ।
रुचियाँ -साहित्य-सर्जन, छायांकन, बाग़वानी, पर्यटन ।
संप्रति -शिक्षक (विज्ञान/गणित), कंप्यूटर मास्टर ट्रेनर (इंटेल) ।
संपादन -अंतरजाल-पत्रिकाएँ : सरस पायस और हिंदी का शृंगार
प्रकाशित पुस्तकें - यूनीसेफ, लखनऊ द्वारा 2002 में प्रकाशित चित्रकथा-पुस्तक ''चकमा''. एकलव्य, भोपाल द्वारा 2003 में प्रकाशित चित्रकथा-पुस्तक "नन्हे चूज़े की दोस्त'', नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा 2008 में सृजनात्मक शिक्षा के अंतर्गत प्रकाशित गणित की गतिविधि-पुस्तक "वृत्तों की दुनिया"।
पुरस्कार (साहित्य) -स्वर्ण पदक विजेता, हिंदी में सृजनात्मक लेखन में डिप्लोमा, इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय मुक्त विश्‍वविद्यालय, 2005 (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, राष्ट्रपति, भारत द्वारा स्वर्ण पदक से विभूषित)
स्थायी पता - कमल-कुंज, बड़ी बिसरात रोड, हुसैनपुरा, शाहजहाँपुर (उ.प्र.) - 242 001.
पत्र-संपर्क -राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चारुबेटा, खटीमा, ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत -262308 मोबाइल -09897614866 ई-मेल- Raavendra.Ravi@gmail.com

15 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना!

honesty project democracy ने कहा…

अच्छी मानवीय सोच ,संवेदनाओं और संघर्ष से उपजे विचारों को कविता के रूप में श्रेष्ठ प्रस्तुती के लिए धन्यवाद /आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति....बधाई रवीन्द्र जी

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

हृहय से निकली अभिव्क्ति के लिए रवि जो को हृदय से शुभकामनाएँ!

Akanksha Yadav ने कहा…

बहुत सुन्दर गीत..शानदार अभिव्यक्तियाँ..रवि जी को शुभकामनायें !!

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

dhai aakhar prem ka padhe so pandit hoy behtaren prayas hai

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सुन्दर और भाव पूर्ण रचना ...शब्दों का संयोजन को बस कमाल ही है.....

वाणी गीत ने कहा…

हिंदी के श्रेष्ठ शब्दों का चयन कविता में बहुत अरसे बाद मिला ...
मधुर काव्य ...!!

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना....

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

अले रवि अंकल यहाँ भी...कित्ता बढ़िया लिखते हैं.

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पाखी की दुनिया में इस बार चिड़िया-टापू की सैर !!

Shahroz ने कहा…

Beautifull....shabdon ka sundar chayan.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

बहुत खूब, अभिलाषा जी ने प्रेम की हवा ही चला दी है. इक से बढ़कर इक रचनाएँ...बधाई.

S R Bharti ने कहा…

अंतर्मन से निकला सुन्दर गीत. रवि जी को बधाई. अभिलाषा जी को साधुवाद.

KK Yadav ने कहा…

बूँद-बूँद में प्रीत सजाकर
जैसे सज जाता सावन!
आशाओं की परिभाषा में
जुड़े शब्द कुछ मनभावन!
...बेहतरीन भाव लिए गीत..शुभकामनायें रवि जी.

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

"सप्तरंगी प्रेम" पर
अपना नवगीत प्रकाशित देखकर
मुझे अपार हर्ष हुआ!
--
आप सबका प्यार पाकर गद्-गद् हूँ!
--
हार्दिक शुभकामनाएँ -

"सप्तरंगी प्रेम" का यह इंद्रधनुष
इसी तरह सबके हृदयाकाश पर छाया रहे!