'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटता जितेन्द्र ‘जौहर’ का 'प्रेम-पत्र' . आपकी प्रतिक्रियाओं और प्रोत्साहन का यथावत इंतजार रहेगा...
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी वैभवशाली ‘अभाव-महल’ में
आकुल-व्याकुल
उर्मिला के समक्ष
किसी लक्ष्मण का
भावमय गृहागमन !
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी विस्मरण-गुहा में
उपेक्षित-तिरस्कृत
दमयन्ती के गिर्द
किसी निष्ठुर ‘नल’ की
सहृदय वापसी !
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी उत्तप्त मरुस्थल में
तृषावंत-क्लांत
मृग के सम्मुख
सहसा किसी नखलिस्तान का
आह्लादक प्राकट्य !
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी निर्जन-निर्तृण वनप्रांतर में
शाप-तापग्रस्त
प्रस्तर-शिला के शीश पर
किसी विरल बादल की
जीवन-जलवर्षा !
***********************************************************************************
नाम : जितेन्द्र ‘जौहर’/जन्म : 26 अगस्त, 1973 (काग़ज़ पर)20 जुलाई, 1971 (माँ ने बताया) / जन्म-स्थान : छिबरामऊ, (कन्नौज) उ.प्र./शिक्षा :एम. ए. (अंग्रेज़ी: भाषा एवं साहित्य), बी. एड., सी.सी.ए.
पी.जी. स्तर पर बैच टॉपर / अ.भा.वै.महासभा द्वारा ‘रजत-प्रतिमा’ से सम्मानित।
लेखन-विधाएँ : गीत, ग़ज़ल, दोहा, मुक्तछंद, हाइकू, मुक्तक, हास्य-व्यंग्य, लघुकथा,समीक्षा, भूमिका, आलेख, आदि। हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में समानान्तर लेखन।
प्रकाशन : दै.‘हिन्दुस्तान’, ‘दैनिक जागरण’, ‘गाण्डीव’, साप्ता./पाक्षिक‘पाञ्चजन्य’,सीधीबात,प्रेसमैन, बहुजनविकास मासिक ‘पाखी’ गोलकोण्डा दर्पण, कल्याण(गीता प्रेस), अक्षरपर्व, अट्टहास, त्रैमा.‘समांतर’, कथाबिम्ब,वसुधा(कनाडा), सार्थक, अक्षरम् संगोष्ठी, व्यंग्य-यात्रा, सरस्वती सुमन, अक्षत्,युगीन-काव्या, मरु-गुलशन, चक्रवाक्, सरोपमा, गुफ़्तगू, व्यंग्य-तरंग,मेकलसुता, तेवरी-पक्ष, वार्षिक ‘हास्यम्-व्यंग्यम्’, हस्तक्षेप, आदि सहित
देश-विदेश की लगभग 200 पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। अनेकानेक महत्त्वपूर्ण समवेत संग्रहों में रचनाएँ संकलित।
सक्रिय योगदान : सम्पादकीय सलाहकार ‘प्रेरणा’(शाहजहाँपुर,उ.प्र.)/विशेष सहायोगी ‘प्रयास’(अलीगढ़,उ.प्र.) एवं ‘विविधा’(उत्तराखण्ड)।
प्रसारण : ई.टी.वी. के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘गुदगुदी’ में अनेक एपीसोड प्रसारित।आकाशवाणी से एकल काव्य-पाठ, साक्षात्कार एवं गोष्ठी आदि के दर्जनाधिक प्रसारण।
वेब मैग्ज़ीन्स एवं न्यूज़ पोर्टल्स पर रचनात्मक उपस्थिति।वीडियो एलबम में फ़िल्मांकित गीत शामिल।सिटी चैनल्स पर सरस कव्य-पाठ।
काव्य-मंच : संयोजन एवं प्रभावपूर्ण संचालन के लिए विशेष पहचान।ओजस्वी व मर्यादित हास्य-व्यंग्यपूर्ण काव्य-पाठ का प्रभावी निर्वाह।
भूमिका-लेखन : देश के अनेक सुप्रसिद्ध लेखकों की कृतियों में सारगर्भित भूमिका-लेखन।
अनुवाद : अंग्रेज़ी कथा-संग्रह ‘ऑफ़रिंग्स’ का हिन्दी अनुवाद।
संपादन : ‘अशोक अंजुम: व्यक्ति एवं अभिव्यक्ति’ (समग्र मूल्यांकनपरक कृति)।‘अरण्य का सौन्दर्य’ (डॉ. इन्दिरा अग्रवाल के सृजन पर आधारित समीक्षा-कृति)।‘त्योहारों के रंग, कविता के संग’ (तैयारी में...)।
विशेष : अनेक काव्य-रचनाएँ संगीतबद्ध एवं गायकों द्वारा गायन।राष्ट्रीय/ प्रान्तीय/ क्षेत्रीय स्तर पर विविध साहित्यिक/सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के निर्णायक-मण्डल में शामिल। उ. म. क्षे. सांस्कृतिक केन्द्र, (सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार)एवं‘स्टार इण्डिया फ़ाउण्डेशन’ द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में ‘फोनेटिक्स’,‘सेल्फ़
डेवलपमेण्ट’,‘कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेज़ेण्टेशन स्किल’, आदि विषयों पर कार्यशालाओं में रिसोर्स पर्सन/मुख्य वक्ता के रूप में प्रभावपूर्ण भागीदारी।
सम्मान/पुरस्कार:अनेक सम्मान एवं पुरस्कार (समारोहपूर्वक प्राप्त)। जैसे- पं. संतोष तिवारी स्मृति सम्मान, साहित्यश्री(के.औ.सु.ब. इकाई मप्र), नागार्जुन सम्मान, साहित्य भारती, महादेवी वर्मा सम्मान, आदि के अतिरिक्त विभिन्न प्रशस्तियाँ व स्मृति-चिह्न प्राप्त। प्रकाशित रचनाओपर 500-600 से अधिक प्रशंसा व आशीष-पत्र प्राप्त। अंतर्जाल पर जौहरवाणी के माध्यम से सक्रियता.
सम्प्रति : अंग्रेज़ी-अध्यापन (ए.बी.आई. कॉलेज, रेणुसागर, सोनभद्र, उप्र 231218), भारत.
सम्पर्क : आई आर- 13/6, रेणुसागर, सोनभद्र, (उ.प्र.) 231218 भारत.
मोबाइल नं. +91 9450320472.
ईमेल jjauharpoet@gmail.com
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी वैभवशाली ‘अभाव-महल’ में
आकुल-व्याकुल
उर्मिला के समक्ष
किसी लक्ष्मण का
भावमय गृहागमन !
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी विस्मरण-गुहा में
उपेक्षित-तिरस्कृत
दमयन्ती के गिर्द
किसी निष्ठुर ‘नल’ की
सहृदय वापसी !
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी उत्तप्त मरुस्थल में
तृषावंत-क्लांत
मृग के सम्मुख
सहसा किसी नखलिस्तान का
आह्लादक प्राकट्य !
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी निर्जन-निर्तृण वनप्रांतर में
शाप-तापग्रस्त
प्रस्तर-शिला के शीश पर
किसी विरल बादल की
जीवन-जलवर्षा !
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नाम : जितेन्द्र ‘जौहर’/जन्म : 26 अगस्त, 1973 (काग़ज़ पर)20 जुलाई, 1971 (माँ ने बताया) / जन्म-स्थान : छिबरामऊ, (कन्नौज) उ.प्र./शिक्षा :एम. ए. (अंग्रेज़ी: भाषा एवं साहित्य), बी. एड., सी.सी.ए.
पी.जी. स्तर पर बैच टॉपर / अ.भा.वै.महासभा द्वारा ‘रजत-प्रतिमा’ से सम्मानित।
लेखन-विधाएँ : गीत, ग़ज़ल, दोहा, मुक्तछंद, हाइकू, मुक्तक, हास्य-व्यंग्य, लघुकथा,समीक्षा, भूमिका, आलेख, आदि। हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में समानान्तर लेखन।
प्रकाशन : दै.‘हिन्दुस्तान’, ‘दैनिक जागरण’, ‘गाण्डीव’, साप्ता./पाक्षिक‘पाञ्चजन्य’,सीधीबात,प्रेसमैन, बहुजनविकास मासिक ‘पाखी’ गोलकोण्डा दर्पण, कल्याण(गीता प्रेस), अक्षरपर्व, अट्टहास, त्रैमा.‘समांतर’, कथाबिम्ब,वसुधा(कनाडा), सार्थक, अक्षरम् संगोष्ठी, व्यंग्य-यात्रा, सरस्वती सुमन, अक्षत्,युगीन-काव्या, मरु-गुलशन, चक्रवाक्, सरोपमा, गुफ़्तगू, व्यंग्य-तरंग,मेकलसुता, तेवरी-पक्ष, वार्षिक ‘हास्यम्-व्यंग्यम्’, हस्तक्षेप, आदि सहित
देश-विदेश की लगभग 200 पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। अनेकानेक महत्त्वपूर्ण समवेत संग्रहों में रचनाएँ संकलित।
सक्रिय योगदान : सम्पादकीय सलाहकार ‘प्रेरणा’(शाहजहाँपुर,उ.प्र.)/विशेष सहायोगी ‘प्रयास’(अलीगढ़,उ.प्र.) एवं ‘विविधा’(उत्तराखण्ड)।
प्रसारण : ई.टी.वी. के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘गुदगुदी’ में अनेक एपीसोड प्रसारित।आकाशवाणी से एकल काव्य-पाठ, साक्षात्कार एवं गोष्ठी आदि के दर्जनाधिक प्रसारण।
वेब मैग्ज़ीन्स एवं न्यूज़ पोर्टल्स पर रचनात्मक उपस्थिति।वीडियो एलबम में फ़िल्मांकित गीत शामिल।सिटी चैनल्स पर सरस कव्य-पाठ।
काव्य-मंच : संयोजन एवं प्रभावपूर्ण संचालन के लिए विशेष पहचान।ओजस्वी व मर्यादित हास्य-व्यंग्यपूर्ण काव्य-पाठ का प्रभावी निर्वाह।
भूमिका-लेखन : देश के अनेक सुप्रसिद्ध लेखकों की कृतियों में सारगर्भित भूमिका-लेखन।
अनुवाद : अंग्रेज़ी कथा-संग्रह ‘ऑफ़रिंग्स’ का हिन्दी अनुवाद।
संपादन : ‘अशोक अंजुम: व्यक्ति एवं अभिव्यक्ति’ (समग्र मूल्यांकनपरक कृति)।‘अरण्य का सौन्दर्य’ (डॉ. इन्दिरा अग्रवाल के सृजन पर आधारित समीक्षा-कृति)।‘त्योहारों के रंग, कविता के संग’ (तैयारी में...)।
विशेष : अनेक काव्य-रचनाएँ संगीतबद्ध एवं गायकों द्वारा गायन।राष्ट्रीय/ प्रान्तीय/ क्षेत्रीय स्तर पर विविध साहित्यिक/सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के निर्णायक-मण्डल में शामिल। उ. म. क्षे. सांस्कृतिक केन्द्र, (सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार)एवं‘स्टार इण्डिया फ़ाउण्डेशन’ द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में ‘फोनेटिक्स’,‘सेल्फ़
डेवलपमेण्ट’,‘कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेज़ेण्टेशन स्किल’, आदि विषयों पर कार्यशालाओं में रिसोर्स पर्सन/मुख्य वक्ता के रूप में प्रभावपूर्ण भागीदारी।
सम्मान/पुरस्कार:अनेक सम्मान एवं पुरस्कार (समारोहपूर्वक प्राप्त)। जैसे- पं. संतोष तिवारी स्मृति सम्मान, साहित्यश्री(के.औ.सु.ब. इकाई मप्र), नागार्जुन सम्मान, साहित्य भारती, महादेवी वर्मा सम्मान, आदि के अतिरिक्त विभिन्न प्रशस्तियाँ व स्मृति-चिह्न प्राप्त। प्रकाशित रचनाओपर 500-600 से अधिक प्रशंसा व आशीष-पत्र प्राप्त। अंतर्जाल पर जौहरवाणी के माध्यम से सक्रियता.
सम्प्रति : अंग्रेज़ी-अध्यापन (ए.बी.आई. कॉलेज, रेणुसागर, सोनभद्र, उप्र 231218), भारत.
सम्पर्क : आई आर- 13/6, रेणुसागर, सोनभद्र, (उ.प्र.) 231218 भारत.
मोबाइल नं. +91 9450320472.
ईमेल jjauharpoet@gmail.com
19 टिप्पणियां:
सुंदर वर्णन शब्दों का चयन और भी सुंदर
प्रेम पत्र की बहुत सुन्दर उपमाये दी हैं ...
गज़ब की अभिव्यक्ति…………नये और सुन्दर बिम्ब प्रयोग्।
बहुत ही सुन्दर शब्द एवं उपमायें .....।
सुन्दर उपमाओं से सजी रचना.बहुत सुन्दर.
बहुत ही सुन्दर रचना..हमें जीतेन्द्र जी से मिलवाने के लिए धन्यवाद | साथ में अगर उनके ब्लॉग का लिंक भी दें तो अच्छा रहेगा...
मैं अपनी रचनायें यहाँ कैसे प्रकाशित कर सकता हूँ...
khubsurat shabdon ka manmohak tana-bana...
sunder prastuti..........
shrishti evam jeevan ke vishaal falak par prem ki sarvochch satta
ka bhavpoorn chitran sarahniy hai
वाह...भाई...वाह!
मेरा ‘प्रेम-पत्र’ आप सभी विद्वज्जन बड़े मज़े से पढ़ रहे हैं! धन्यवाद...आपके उस अखण्ड ‘प्रेम’ के लिए जो आपने इस ‘प्रेम-पत्र’ को दिया!
......................
KK जी, मेरा ‘प्रेम-पत्र’यूँ सार्वजनिक करने के लिए आपको: ".....!!!???...."
......................
भाई शेखर सुमन जी,
ये लीजिए..आपने याद किया, बंदा हाज़िर! सच्चे मन से भेजी गयी आपकी प्रेम-तरंगें मुझ तक पहुँच ही गयीं। आपने मेरे ब्लॉग की लिंक माँगी है, ये लीजिए...हुज़ूर-http://jitendrajauhar.blogspot.com/2010/10/blog-post_30.html#comments
आपका स्वागत है... नहीं, नहीं,...आप सभी का स्वागत है!
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी विस्मरण-गुहा में
उपेक्षित-तिरस्कृत
दमयन्ती के गिर्द
किसी निष्ठुर ‘नल’ की
सहृदय वापसी !
waah kya kamaal ka varnan hai ..
aapka prem patr bahut khoob
आपका प्रेम-पत्र...
जैसे किसी निर्जन-निर्तृण वनप्रांतर में
शाप-तापग्रस्त
प्रस्तर-शिला के शीश पर
किसी विरल बादल की
जीवन-जलवर्षा !
....bahut sundar mukharit prem abhivanjana... sundar prayog
श्रद्धा जैन जी,
धन्यवाद...आप इतनी दूर बैठी हैं, फिर भी नैकट्य-बोध का ह्रास नहीं होने देतीं। बहुत कम लोग मिलते हैं ऐसे! आपकी यह सदाशयता प्रणम्य है...दीप-पर्व की अनन्त-आत्मीय शुभकामनाएँ स्वीकारें!
................
कविता रावत जी,
आभारी हूँ आपका...! प्रस्तुत ‘प्रेम-पत्र’ में मुखरित प्रेम की अभिव्यंजना को आपने अपने अमूल्य पल देकर गौरवान्वित किया!
और हाँ...
भाई KK जी एवं आकांक्षा जी,
सर्वप्रथम दीपावली की अनन्त-आत्मीय मंगलकामनाएँ स्वीकारें!
आपको तो ‘जौहरवाणी’ पर नयी पोस्ट का इंतज़ार था। लेकिन जब वहाँ एक-के-बाद-एक कई पोस्ट आयीं, तब आपने कोई दस्तक ही नहीं दी...कब होगी आहट...हुज़ूर?
भाई...समय निकाल लिया करिए, ‘अपने’ साथ-साथ ‘अपनों’ के लिए भी...है न???!!!
अजी बहुत सुन्दर प्रेम-पत्र लिखा जितेन्द्र जी ने ..बहुत खूब...साधुवाद.
@ जितेन्द्र जी,
एक लम्बे समय पश्चात् आज ही पोर्टब्लेयर लौटा हूँ. कुछ दिनों तक व्यस्तता बनी रहेगी.
@ Shekhar Suman,
आप प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे अपनी 2 मौलिक रचनाएँ,जीवन वृत्त,फोटोग्राफ hindi.literature@yahoo.com पर भेज सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों.
दीपावली का ये पावन त्यौहार,
जीवन में लाए खुशियां अपार।
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार।।
बहुत दिन बाद किसी का प्रेम पत्र पढ़ा...सुखद अहसास.
भाई रत्नेश जी,
हाऽऽऽ...हाऽऽऽ...हाऽऽऽ! धन्यवाद!
......................
KK जी,
‘जौहरवाणी’ जिसकी लिंक यह रही- http://jitendrajauhar.blogspot.com/2010/11/blog-post.html#comments पर छोड़े गये आपके कमेंट पर मैंने भी कुछ लिखा है, अवश्य देख लीजिएगा आकर, तथास्तु!
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