शर्मा गई चांदनी जब रूख से नकाब हट देखा
इस ज़मीन पर भी एक सुंदर सा चाँद खिला देका
फ़ैल गयी हर जगह रोशनी रोशन हो उठी फिजां
बड़े आश्चर्य से सबने हुश्न -ऐ- चिराग जला देखा
छिपता फिर रहा चाँद बादलों में इधर से उधर
इस चाँद के आगे सबने उस चाँद को बुझा- बुझा देखा
छाई रही मस्ती मदहोश हो गए देखने वाले
रूक गयी धड़कने सबने वक्त भी रुका रुका देका
खामोश हो गया चाँद खामोश हो गयें उसके चर्चे
"उपेन्द्र " हर चर्चे में सिर्फ तेरा हुश्न शामिल हुआ देखा.
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नाम-उपेन्द्र 'उपेन' । जन्म - 22 अक्टूबर सन् 1974 को आजमगढ़ में । प्रारंभिक तथा स्कूली शिक्षा आजमगढ़ में, फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. पू्र्वांचल विश्वविद्यालय (शिवली नेशनल कालेज,आजमगढ़) से हिन्दी साहित्य में पीजी एवं अन्नामलाई विश्वविद्यालय से विज्ञापन में पीजी डिप्लोमा। कविता-कहानी का लेखन एवं विज्ञापन में फ्रीलांसिग कापीराइटिंग भी । पचास के करीब कहानियां, कवितायें व लघुकथायें विभिन्न पत्र-पत्रिका में प्रकाशित। संप्रति- रक्षा मंत्रालय।
संपर्क : upen1100@yahoo.com
अंतर्जाल पर सृजन_शिखर के माध्यम से सक्रियता.
इस ज़मीन पर भी एक सुंदर सा चाँद खिला देका
फ़ैल गयी हर जगह रोशनी रोशन हो उठी फिजां
बड़े आश्चर्य से सबने हुश्न -ऐ- चिराग जला देखा
छिपता फिर रहा चाँद बादलों में इधर से उधर
इस चाँद के आगे सबने उस चाँद को बुझा- बुझा देखा
छाई रही मस्ती मदहोश हो गए देखने वाले
रूक गयी धड़कने सबने वक्त भी रुका रुका देका
खामोश हो गया चाँद खामोश हो गयें उसके चर्चे
"उपेन्द्र " हर चर्चे में सिर्फ तेरा हुश्न शामिल हुआ देखा.
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नाम-उपेन्द्र 'उपेन' । जन्म - 22 अक्टूबर सन् 1974 को आजमगढ़ में । प्रारंभिक तथा स्कूली शिक्षा आजमगढ़ में, फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. पू्र्वांचल विश्वविद्यालय (शिवली नेशनल कालेज,आजमगढ़) से हिन्दी साहित्य में पीजी एवं अन्नामलाई विश्वविद्यालय से विज्ञापन में पीजी डिप्लोमा। कविता-कहानी का लेखन एवं विज्ञापन में फ्रीलांसिग कापीराइटिंग भी । पचास के करीब कहानियां, कवितायें व लघुकथायें विभिन्न पत्र-पत्रिका में प्रकाशित। संप्रति- रक्षा मंत्रालय।
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