'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती आकांक्षा यादव जी की कविता 'अहसास'. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...
एक अहसास
किसी के साथ का
किसी के प्यार का
अपनेपन का
एक अनकहा विश्वास
जो कराता है अहसास
तुम्हारे साथ का
हर पल, हर क्षण
इस क्षणिक जीवन की
क्षणभंगुरता को झुठलाता
ये अहसास
शब्दों से परे
भावनाओं के आगोश में
प्रतिपल लाता है
तुम्हें नजदीक मेरे
लौकिकता की
सीमा से परे
अलौकिक है
अहसास तुम्हारा !!
(आकांक्षा यादव जी के जीवन-परिचय के लिए क्लिक करें)
एक अहसास
किसी के साथ का
किसी के प्यार का
अपनेपन का
एक अनकहा विश्वास
जो कराता है अहसास
तुम्हारे साथ का
हर पल, हर क्षण
इस क्षणिक जीवन की
क्षणभंगुरता को झुठलाता
ये अहसास
शब्दों से परे
भावनाओं के आगोश में
प्रतिपल लाता है
तुम्हें नजदीक मेरे
लौकिकता की
सीमा से परे
अलौकिक है
अहसास तुम्हारा !!
(आकांक्षा यादव जी के जीवन-परिचय के लिए क्लिक करें)
26 टिप्पणियां:
waah bahut sundar...
तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
लौकिकता की
सीमा से परे
अलौकिक है
अहसास तुम्हारा !!
...खूबसूरत भाव लिए हुए कविता..आकांक्षा जी को बधाई.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
badhiya......sundar!!
बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति..शुभकामनायें.
Bahut hi sundar prastuti badhai abhilashaji aur akanshaji ko
अले ये तो मेरी ममा की कविता है...है न बढ़िया.
प्रेम मे सराबोर सुन्दर रचना है!
अनुभव जन्य ।
प्रशंसनीय ।
waah bahut sundar.
वाकई प्यार का अहसास करा गई आकांक्षा जी की ये उत्तम रचना..बधाई.
प्यार के अहसास को संजीदगी से जीती खूबसूरत कविता..बधाई.
बहुत खूबसूरती से आकांक्षा जी ने प्रेम के अहसास को शब्दों में बांधा है..जितनी भी तारीफ करें, कम है.
लौकिकता की
सीमा से परे
अलौकिक है
अहसास तुम्हारा !!
...अद्भुत ...नि:शब्द !!
एक अनकहा विश्वास
जो कराता है अहसास
तुम्हारे साथ का
हर पल, हर क्षण
..कहते हैं न कि प्रेम की भाषा मूक होती है. ..सुन्दर भावों से संजोयी गई विलक्षण कविता..शुभकामनायें.
प्रेम का अहसास...शब्दों में बांध पाना वाकई मुश्किल...भावग्रही रचना रची अपने..हार्दिक बधाई.
आकांक्षा जी की कवितायेँ अक्सर पढने का मौका मिलता है. उनकी कविताओं की अपनी अलग ही पहचान है..मुबारकवाद.
खूबसूरत अहसास.
बहुत बढ़िया कविता. आकांक्षा जी को बधाई.
वाकई यह ब्लॉग तो इन्द्रधनुष की भांति सतरंगी है. प्रेम की बानी भला किसे नहीं भाती.
आकांक्षा जी की कविता तो लाजवाब है. बधाई स्वीकारें.
भावुक और दिल को छू लेने वाली रचना लिखी है आपने! सुन्दर प्रस्तुती!
खूबसूरत है ये अहसास..ताजगी है भावनाओं में..विलक्षण रचना..
बहुत खूब है आपका अहसास।
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मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?
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