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शुक्रवार, 2 जुलाई 2010

बस एक बार आजा जानाँ

'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती वन्दना गुप्ता जी की एक कविता 'बस एक बार आजा जानाँ'. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...


तेरी मेरी मोहब्बत
खाक हो जाती
गर तू वादा ना करती
इसी जन्म में मिलने का
एक अरसा हुआ
तेरे वादे पर ऐतबार
करते - करते
पल- छिन्न युगों से
लम्बे हो गए हैं
मगर तेरे वादे की
इन्तिहाँ ना हुई
आज जान जाने को है
आस की हर लौ
बुझने को है
तुझे पुकारता है प्यार मेरा
याद दिलाता है वादा तेरा
क्या भूल गयी हो जानाँ
मोहब्बत की तपिश से
वादे को जलाना
मेरी आवाज़ की
स्वर लहरी पर
हर रस्मो- रिवाज़ की
जंजीरों को तोड़कर
आने के वादे को
क्या भूल गयी हो
धड़कन के साथ
गुंजार होते मेरे नाम को
देख , मुझे तो
तेरी हर कसम
हर वादा
आज भी याद है
ज़िन्दगी की आखिरी
साँस तक सिर्फ
तुझे चाहने का
वादा किया था
और आज भी
उसे ही निभा रहा हूँ
इसी जन्म में
मिलन की बाट
जोह रहा हूँ
तेरे वादे की लाश
को ढोह रहा हूँ
अब तो आजा जानाँ
यारा
मुझे मेरे यार से
मिला जा जानाँ
मेरे प्यार को
मेरे इंतज़ार को
अमर बना जा जानाँ
बस एक बार
आजा जानाँ
बस एक बार…!!
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नाम : वंदना गुप्ता / व्यवसाय: गृहिणी / निवास : नई दिल्ली / मैं एक गृहणी हूँ। मुझे पढ़ने-लिखने का शौक है तथा झूठ से मुझे सख्त नफरत है। मैं जो भी महसूस करती हूँ, निर्भयता से उसे लिखती हूँ। अपनी प्रशंसा करना मुझे आता नही इसलिए मुझे अपने बारे में सभी मित्रों की टिप्पणियों पर कोई एतराज भी नही होता है। मेरा ब्लॉग पढ़कर आप नि:संकोच मेरी त्रुटियों को अवश्य बताएँ। मैं विश्वास दिलाती हूँ कि हरेक ब्लॉगर मित्र के अच्छे स्रजन की अवश्य सराहना करूँगी। ज़ाल-जगतरूपी महासागर की मैं तो मात्र एक अकिंचन बून्द हूँ। अंतर्जाल पर जिंदगी एक खामोश सफ़र के माध्यम से सक्रियता.

12 टिप्‍पणियां:

Ashish (Ashu) ने कहा…

बहुत ही सुन्दर और लाजवाब कविता रही! बढ़िया लगा!

Akanksha Yadav ने कहा…

वंदना जी की सुन्दर रचना. सप्तरंगी प्रेम पर प्रकाशन के लिए बधाई !!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सुन्दर...प्रेम भाव से भरी सुन्दर रचना...

sanu shukla ने कहा…

बहुत सुंदर रचना..प्रेम मे पगी रचना.!!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

वन्दना गुप्ता जी की सुन्दर रचना पढ़वाने के लिए आभार!

shikha varshney ने कहा…

प्रीत रस से सरोवर सुन्दर रचना ..शुभकामनाये वंदना जी !

Padm Singh ने कहा…

बहुत प्यारी रचना ... बधाई

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

बढ़िया रचना ....बधाई वंदना जी

रश्मि प्रभा... ने कहा…

प्यार की पुकार तो कोई कैसे ना आए

KK Yadav ने कहा…

इसी जन्म में
मिलन की बाट
जोह रहा हूँ
तेरे वादे की लाश
को ढोह रहा हूँ
....बेहतरीन भावों से सजी खूबसूरत कविता..बधाई.

Unknown ने कहा…

मुझे मेरे यार से
मिला जा जानाँ
मेरे प्यार को
मेरे इंतज़ार को
अमर बना जा जानाँ
बस एक बार
आजा जानाँ
.....मन को छूती है ये पंक्तियाँ..वंदना जी को इस शानदार प्रस्तुति पर बधाइयाँ.

suhai-bilasa ने कहा…

aap bahut achha likh rahi hai. dr. somnath yadav