सूरज के किरणों की
पहली छुअन
थोड़ी अल्हड़-सी
शरमायी हुयी
सकुचायी हुयी
कमरे में कदम रखती है
वही किरण
अपने तेज व अनुराग से
वज्र पत्थर को भी
पिघला जाती है
शाम होते ही
ढलने लगती हैं किरणें
जैसे कि अपना सारा निचोड़
उन्होंने धरती को दे दिया हो
ठीक ऐसे ही तुम हो।
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कृष्ण कुमार यादव : एक परिचय- सम्प्रति भारत सरकार में निदेशक. प्रशासन के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लागिंग के क्षेत्र में भी प्रवृत्त। जवाहर नवोदय विद्यालय-आज़मगढ़ एवं तत्पश्चात इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1999 में राजनीति-शास्त्र में परास्नातक. देश की प्राय: अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर वेब पत्रिकाओं व ब्लॉग पर रचनाओं का निरंतर प्रकाशन. व्यक्तिश: 'शब्द-सृजन की ओर' और 'डाकिया डाक लाया' एवं युगल रूप में सप्तरंगी प्रेम, उत्सव के रंग और बाल-दुनिया ब्लॉग का सञ्चालन. इंटरनेट पर 'कविता कोश' में भी कविताएँ संकलित. 50 से अधिक पुस्तकों/संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित. आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण. कुल 5 कृतियाँ प्रकाशित -'अभिलाषा'(काव्य-संग्रह,2005), 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श'(निबंध-संग्रह, 2006 व 2007), 'India Post : 150 Glorious Years'(2006),'क्रांति-यज्ञ : 1857-1947 की गाथा'.विभिन्न सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त. व्यक्तित्व-कृतित्व पर 'बाल साहित्य समीक्षा'(सं. डा. राष्ट्रबंधु, कानपुर, सितम्बर 2007) और 'गुफ्तगू' (सं. मो. इम्तियाज़ गाज़ी, इलाहाबाद, मार्च 2008 द्वारा विशेषांक जारी. व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक 'बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव' (सं0- दुर्गाचरण मिश्र, 2009) प्रकाशित.
30 टिप्पणियां:
आकांक्षा जी को बहुत बधाई ...
सुन्दर कविता ..!
आकांक्षा डी को जन्मदिन की की शुभकामनाएँ!
--
सुन्दर रचना के लिए
भाई कृष्णकुमार यादव जी को बधाई!
बहुत खूबसूरती से लिखी कविता...बधाई.
आकांक्षा,
तुम जियो हजारों साल.
साल के दिन हों पचास हजार.
...जन्मदिन के अवसर पर ढेरों शुभकामनायें और आशीर्वाद . आपकी कलम से यूँ ही प्रखर रचनाधर्मिता निरंतर प्रवाहित होती रहे ...
dar rachna aur janm din ki badhai sath sath
जैसे कि अपना सारा निचोड़
उन्होंने धरती को दे दिया हो
ठीक ऐसे ही तुम हो।
...बेहतरीन भाव..प्यार की सुन्दर अनुभूति...बधाई.
आकांक्षा जी को जन्मदिन की अंनत बधाइयाँ. आपकी रचनाधर्मिता प्रथम दृष्टया ही प्रभावित करती है.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.....
आकांक्षा डी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ!
सुन्दर अभिव्यक्ति.
सूरज के किरणों की
पहली छुअन
थोड़ी अल्हड़-सी
शरमायी हुयी
....बड़ी मासूमियत से लिख दिया आपने प्रेम का वो अल्हड पल...मनभावन. के.के. जी को इस शानदार प्रस्तुति पर बधाई.
यह कविता आकांक्षा जी को समर्पित कर आपने इसकी महत्ता आज के दिन और भी बढ़ा दी. आकांक्षा जी को जन्म-दिन की कोटिश: शुभकामनायें और बधाई. आप अपने व्यक्तिगत जीवन में, कार्य-क्षेत्र में, साहित्यिक गतिविधियों में निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हों और नए आयाम रचें.
आकांक्षा जी आपके जन्मदिन पर हमने भी एक पोस्ट 'ताक-झांक' ब्लॉग पर पोस्ट की है. उसे देखिएगा और अपनी प्रतिक्रिया भी दीजियेगा. http://tak-jhank.blogspot.com/2010/07/blog-post_30.html
मेरी कविता को सराहने के लिए आप सभी का आभार.
आकांक्षा को बार-बार जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें और प्यार.
खूबसूरत भावाभिव्यक्ति.....आकांक्षा मैडम को जन्मदिन की बधाइयाँ.
आकांक्षा जी को जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनायें. आप के लिए यह दिन अत्यन्त सुखद हो, शुभ हो, मंगलकारी व कल्याणकारी हो, नित नूतन उँचाइयों की ओर ले जाने वाला हो.
बहुत खूबसूरती से कृष्णकुमार यादव जी लिखी कविता...बधाई.
बहुत सुन्दर पोस्ट. आकांक्षा जी को जन्मदिन पर मुबारकवाद.
नजर न लगे, क्या प्यार है ..भावनाएं हैं...वाकई जीवन की खूबसूरती यही है..शानदार कविता के. के. यादव साहेब.
आकांक्षा जी को जन्मदिन की खूब बधाइयाँ, पर केक कहाँ है हमारा.
कृष्ण जी की खूबसूरत अभिव्यक्ति आकांक्षा जी के लिए...जन्मदिन की बधाई स्वीकार करें.
बेहतरीन लिखा आपने...जन्मदिन की शुभकामनायें.
आज तो बहुत बढ़िया दिन है. सुबह से ही केक और चाकलेट मिल रहे हैं..ये दिन बार-बार आए. ममा को जन्मदिन पर खूब प्यार, Hug & Kisses.
बहुत बढ़िया रहा यह उपहार!
--
मेरा मन सरस झोंका!
सरस चर्चा में गुनगुन करती आई गुनगुन
umda abjivyakti...!!
जन्मदिन पर प्राप्त ढेरों बधाई और आप सभी के स्नेह से अभिभूत हूँ...अपना स्नेह इसी तरह सदैव बनाये रहें.
सादर,
आकांक्षा
आकांक्षा जी ko meri taraf se bhi janam di ki badhaai .......
Ye rachna bhi bahut hi sunder hai.
आकांक्षा अगर न जीवन में तो,
कौन जी सकेगा जी भर?
गर कृष्ण न हों तो बोल 'सलिल'
कैसे हो कर्म बहा सीकर?
आकांक्षा का हो जन्म दिवस
तो आना होगा कृष्ण तुम्हें.
ग्वालों के सँग 'हैप्पी बर्थ डे'
भी गाना होगा कृष्ण तुम्हें.
आकांशा मीरां-राधा है.
आकांक्षा रुक्मिणी-भाभा भी.
चेहरे पर जो दिखती अरुणिम
आकांक्षा है वह आभा भी.
अनंत-अशेष शुभ कामनाएँ
Acharya Sanjiv Salil
http://divyanarmada.blogspot.com
वाह सर जी मान गये आप्को..वाकई लाजवाब लिखा हॆ..एक सीक्रेट बात कहू आपकी कविता को मॆने अभी से याद कर लिया हॆ आखिर कल को मुझे भी उनके जन्मदिन पर कुछ अनमोल ऒर प्यारी भेंट देनी होगी ऒर इससे अनमोल ऒर होगा जिसमे भावनाये हिलोरे ले रही हॆ..
@ Ashu,
अभी से इतने समझदार हो गए हो...बहुत आगे जाओगे.
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