'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को तरंगित करती डॉ.मीना अग्रवाल जी की कविता 'सार्थक संगीत'. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...
स्मृतियाँ
धुन हैं बाँसुरी की
जो सुनाई देती हैं
कहीं दूर बहुत दूर,
मन की वीणा
झंकृत हो
मिलाती है स्वर
बाँसुरी के स्वर में,
तन के घुँघुरू
लगते हैं थिरकने
वे भी हैं आतुर
मिलाने को स्वर
बाँसुरी के स्वर में
और हो जाते हैं
बाँसुरी के साथ !
तभी दुखों की थाप
झाँझ बनकर
करती है लय भंग
बजती है विषम ताल !
जब बजती है
पीड़ा की ढोलक
देती है संताप
उदास मन को
तब लेता है
आकार तांडव
और नहीं उठती
कोई तरंग उर में,
तब निद्रामग्न सुख
आहट पाकर
करते हैं नर्तन
भावों की जलतरंग पर,
कभी लास्य, कभी रास
तो कभी महारास,
मन के मंजीरे
मंगलम् की धुन पर
लगते हैं खनकने,
बाँसुरी के साथ
होता है आनंद का
प्रत्यावर्तन,
जन्म लेता है
मधुर गीत
यही तो है जीवन का
सार्थक संगीत !
***************************************************************************
डॉ. मीना अग्रवाल
जन्म : 20 नवंबर 1947, हाथरस, काका हाथरसी की गोद में पली-बढ़ी
शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी., संगीत प्रभाकर
वर्तमान पद : एसोसिएट प्रोफ़ेसर, हिदी विभाग, आर.बी.डी. महिला महाविद्यालय, बिजनौर (उ.प्र.) साहित्य : अंदर धूप बाहर धूप (कहानी-संग्रह), सफ़र में साथ-साथ (मुक्तक-संग्रह), विचित्र किंतु सत्य, हारमोनियम एंड कैसियो गाइड, महान लोगों की कहानियाँ, आदर्श बाल कहानियाँ, आधुनिक हिदी गीतिकाव्य में संगीत (पुरस्कृत) ; जो सच कहे (हाइकु संग्रह) ; यादें बोलती हैं (कविता संग्रह) , अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोध-निबंधों का नियमित प्रकाशन। सहलेखन : पर्यावरण : दशा और दिशा, नारी : कल और आज, वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध एवं पत्र-लेखन, हिदी-व्याकरण एवं रचना। संपादन : शोध-संदर्भ (4 खंड), हिंदी-हिंदी-अँग्रेज़ी कोश, हिंदी समांतर कोश, चुने हुए राष्ट्रीय गीत, काका की पाती, अभिनव गद्य विधाएँ, अभिनव निबंध-संकलन, अभिनव कहानी-संकलन, अभिनव एकांकी-संकलन, सूर साहित्य संदर्भ, तुलसी मानस संदर्भ, हिदी साहित्यकार संदर्भ कोश (दो खंड), तुकांत कोश प्रबंध-संपादन : काका हाथरसी अभिनंदन ग्रंथ, शोधिदशा (त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका), संदर्भ अशोक चक्रधर, युगकवि निराला, सफ़र साठ साल का। प्रसारण : आकाशवाणी से कहानियों और वार्ताओं का नियमित प्रसारण, अनेक सेमिनारों में भागीदारी। पुरस्कार एवं ‘ सम्मान : द रोटरी फ़ाउंडेशन डिस्ट्रिक सर्विस अवार्ड। पॉल हैरिस फ़ैलो एवं मेजर डोनर, रोटरी फ़ाउंडेशन, रोटरी इंटरनेशनल। एडवाइजर, रिसर्च बोर्ड ऑफ़ एडवाइजर्स, दॅ अमरीकन बायोग्राफ़िकल इंस्टीट्यूट, अमरीका। रोटरी अंतर्राष्ट्रीय मंडल 3110, रोटरी ह्यूमन वैलफ़ेयर सोसायटी द्वारा हिंदी साहित्य एवं शोध के क्षेत्र में किए गए विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित। उज्जैन (म.प्र.) में विद्योत्तमा सम्मान समारोह में 21000 रुपए का विदुषी विद्योत्तमा सम्मान (2005), पुष्पगंधा प्रकाशन द्वारा 'स्व.श्री हरि ठाकुर पुरस्कार’ (2006), 11000 रुपए का श्री अमनसिंह आत्रेय अखिल भारतीय कृतिकार सम्मान (2007),नई दिल्ली में ‘अक्षरम्‘ द्वारा आयोजित छठा अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्सव के सम्मान समारोह में ‘अक्षरम् हिंदी सेवा सम्मान, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘शब्द भारती सम्मान एवं ‘शब्द माधुरी सम्मान’ 2008), भारतीय वाड.मय पीठ द्वारा ‘सारस्वत साहित्य सम्मान ‘(2008),100000 रुपए का केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा 2004 का शिक्षा पुरस्कार (2008) विदेश-यात्रा : अमरीका, सिंगापुर
Email:drmeena20@gmail।com 16
स्मृतियाँ
धुन हैं बाँसुरी की
जो सुनाई देती हैं
कहीं दूर बहुत दूर,
मन की वीणा
झंकृत हो
मिलाती है स्वर
बाँसुरी के स्वर में,
तन के घुँघुरू
लगते हैं थिरकने
वे भी हैं आतुर
मिलाने को स्वर
बाँसुरी के स्वर में
और हो जाते हैं
बाँसुरी के साथ !
तभी दुखों की थाप
झाँझ बनकर
करती है लय भंग
बजती है विषम ताल !
जब बजती है
पीड़ा की ढोलक
देती है संताप
उदास मन को
तब लेता है
आकार तांडव
और नहीं उठती
कोई तरंग उर में,
तब निद्रामग्न सुख
आहट पाकर
करते हैं नर्तन
भावों की जलतरंग पर,
कभी लास्य, कभी रास
तो कभी महारास,
मन के मंजीरे
मंगलम् की धुन पर
लगते हैं खनकने,
बाँसुरी के साथ
होता है आनंद का
प्रत्यावर्तन,
जन्म लेता है
मधुर गीत
यही तो है जीवन का
सार्थक संगीत !
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डॉ. मीना अग्रवाल
जन्म : 20 नवंबर 1947, हाथरस, काका हाथरसी की गोद में पली-बढ़ी
शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी., संगीत प्रभाकर
वर्तमान पद : एसोसिएट प्रोफ़ेसर, हिदी विभाग, आर.बी.डी. महिला महाविद्यालय, बिजनौर (उ.प्र.) साहित्य : अंदर धूप बाहर धूप (कहानी-संग्रह), सफ़र में साथ-साथ (मुक्तक-संग्रह), विचित्र किंतु सत्य, हारमोनियम एंड कैसियो गाइड, महान लोगों की कहानियाँ, आदर्श बाल कहानियाँ, आधुनिक हिदी गीतिकाव्य में संगीत (पुरस्कृत) ; जो सच कहे (हाइकु संग्रह) ; यादें बोलती हैं (कविता संग्रह) , अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोध-निबंधों का नियमित प्रकाशन। सहलेखन : पर्यावरण : दशा और दिशा, नारी : कल और आज, वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध एवं पत्र-लेखन, हिदी-व्याकरण एवं रचना। संपादन : शोध-संदर्भ (4 खंड), हिंदी-हिंदी-अँग्रेज़ी कोश, हिंदी समांतर कोश, चुने हुए राष्ट्रीय गीत, काका की पाती, अभिनव गद्य विधाएँ, अभिनव निबंध-संकलन, अभिनव कहानी-संकलन, अभिनव एकांकी-संकलन, सूर साहित्य संदर्भ, तुलसी मानस संदर्भ, हिदी साहित्यकार संदर्भ कोश (दो खंड), तुकांत कोश प्रबंध-संपादन : काका हाथरसी अभिनंदन ग्रंथ, शोधिदशा (त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका), संदर्भ अशोक चक्रधर, युगकवि निराला, सफ़र साठ साल का। प्रसारण : आकाशवाणी से कहानियों और वार्ताओं का नियमित प्रसारण, अनेक सेमिनारों में भागीदारी। पुरस्कार एवं ‘ सम्मान : द रोटरी फ़ाउंडेशन डिस्ट्रिक सर्विस अवार्ड। पॉल हैरिस फ़ैलो एवं मेजर डोनर, रोटरी फ़ाउंडेशन, रोटरी इंटरनेशनल। एडवाइजर, रिसर्च बोर्ड ऑफ़ एडवाइजर्स, दॅ अमरीकन बायोग्राफ़िकल इंस्टीट्यूट, अमरीका। रोटरी अंतर्राष्ट्रीय मंडल 3110, रोटरी ह्यूमन वैलफ़ेयर सोसायटी द्वारा हिंदी साहित्य एवं शोध के क्षेत्र में किए गए विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित। उज्जैन (म.प्र.) में विद्योत्तमा सम्मान समारोह में 21000 रुपए का विदुषी विद्योत्तमा सम्मान (2005), पुष्पगंधा प्रकाशन द्वारा 'स्व.श्री हरि ठाकुर पुरस्कार’ (2006), 11000 रुपए का श्री अमनसिंह आत्रेय अखिल भारतीय कृतिकार सम्मान (2007),नई दिल्ली में ‘अक्षरम्‘ द्वारा आयोजित छठा अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्सव के सम्मान समारोह में ‘अक्षरम् हिंदी सेवा सम्मान, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘शब्द भारती सम्मान एवं ‘शब्द माधुरी सम्मान’ 2008), भारतीय वाड.मय पीठ द्वारा ‘सारस्वत साहित्य सम्मान ‘(2008),100000 रुपए का केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा 2004 का शिक्षा पुरस्कार (2008) विदेश-यात्रा : अमरीका, सिंगापुर
Email:drmeena20@gmail।com 16
साहित्य विहार, बिजनौर, उत्तर प्रदेश, भारत
19 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया रचना..मीना जी से अवगत हुआ हिन्दी साहित्य की एक महान लेखिका के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा...सुंदर शब्द संयोजन ...धन्यवाद मीना जी
आपकी पोस्ट आज चर्चा मंच पर भी है...
http://charchamanch.blogspot.com/2010/07/217_17.html
sarthak rachna sarthak dhun
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...परिचय अच्छा लगा
अरे वाह्…………गज़ब की रचना है।
बहुत सुन्दर रचना है!
प्रेम की सघन अनुभूतियों को तरंगित करती रचना।
सुन्दर भाव पूर्ण रचना |बधाई
आशा
bahut sunder abhivyakti. sunder shabd sanyojan.
dhanyvaad Meena jee.
bahut sunder abhivyakti. sunder shabd sanyojan.
dhanyvaad Meena jee.
बहुत ही सुन्दर भाव लिये रचना.................
आपने तो बहुत अच्छा लिखा....
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'बाल-दुनिया' हेतु बच्चों से जुडी रचनाएँ, चित्र और बच्चों के बारे में जानकारियां आमंत्रित हैं. आप इसे hindi.literature@yahoo.com पर भेज सकते हैं.
परिचय का आभार. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
डॉ. मीना अग्रवाल जी की खूबसूरत अभिव्यक्तियाँ...बधाई.
खूबसूरत अभिव्यक्तियाँ...सुन्दर भाव..बधाई.
@ SAngita ji,
'सप्तरंगी प्रेम' की इस प्रस्तुति की शानदार चर्चा के लिए आभार.
आप सबने मेरी रचना पसंद की इसके लिए सभी का बहुत-बहुत आभार.
मीना
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