'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती शिखा वार्ष्णेय जी की कविता 'रुकते थमते से ये कदम'. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा...
रुकते थमते से ये कदम
अनकही कहानी कहते हैं
यूँ ही मन में जो उमड़ रहीं
ख्यालों की रवानी कहते हैं
रुकते थमते.....
सीने में थी जो चाह दबी
होटों पे थी जो प्यास छुपी
स्नेह तरसती पलकों की
दिलकश कहानी कहते हैं
रुकते थमते....
धड़कन स्वतः जो तेज हुई
अधखिले लव जो मुस्काये
माथे पर इठलाती लट की
नटखट नादानी कहते हैं।
रुकते थमते....
सघन अंधेरी रातों में
ज्यों हाथ लिए हो हाथों में
दो जुगनू सी जो चमक
रही आँखों की सलामी कहते हैं
रुकते थमते...
लावण्या अपार ललाटो पर
सिंदूरी रंग यूँ गालों
पर मद्धम -मद्धम सी साँसों की
मदमस्त खुमारी कहते हैं
रुकते थमते....!!
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(शिखा वार्ष्णेय जी के जीवन-परिचय के लिए क्लिक करें)
25 टिप्पणियां:
पल छिन अहसासों और उधेड़ बुन को जताती एक सुन्दर सी कविता
बहुत सुन्दर...शिखा जी को बधाई.
प्रेम आधारित इस ब्लॉग पर नित अनुपम प्रस्तुति..आकांक्षा जी को साधुवाद.
गीत याद आ रहा है...
आपकी मदभरी आँखों को कँवल कहते हैं ...
मौसम के जैसी ही सरस कविता ...
सुन्दर ...!
शिखा वार्ष्णेय जी का एक और खूबसूरत गीत....वाकई मन प्रफुल्लित हो गया.
रुकते-थमते से कदम, कहते व्यथा विशेष।
मस्त खुमारी में कटे, पलभर में अनिमेष।।
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बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
इस कविता में प्रत्यक्ष अनुभव की बात की गई है, इसलिए सारे शब्द अर्थवान हो उठे हैं।
sundar, bahut sundar..........:)
बहुत सुन्दर कविता...!!
लावण्या अपार ललाटो पर
सिंदूरी रंग यूँ गालों
पर मद्धम -मद्धम सी साँसों की
मदमस्त खुमारी कहते हैं
रुकते थमते....!!
यह रुकते थमते से कदम ......बहुत सुन्दर रचना ... :):)
आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया.
बहुत ही सुन्दर ...कविता
सुन्दर कविता. पढ़ कर अच्छा लगा, लेकिन रुकते थमते नहीं, एक साँस में.
bahut sundar kavita badhai shikhaji
बहुत सुन्दर रचना!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति…
आनंदित करनेवाली रचना ।
बहुत ही सुन्दर झन्कार लिए ये गीत अपनी ही रवानी कहता है ।
माथे पर इठलाती लट की
नटखट नादानी कहते हैं।
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यह पढ़कर मन मुदित हुआ!
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लावण्या अपार ललाटो पर
सिंदूरी रंग यूँ गालों
पर मद्धम -मद्धम सी साँसों की
मदमस्त खुमारी कहते हैं
रुकते थमते....!!
apratim
वाह... शिखा जी, ऐसी सुन्दर रचना के लिए बधाई.
बेहतरीन कविता..बधाई.
बेहद खूबसूरत अहसासों से सजी बेहतरीन रचना ! आपको बहुत बहुत बधाई !
umda kaveeta.....
Meri Nayi Kavita Padne Ke Liye Blog Par Swaagat hai aapka......
A Silent Silence : Ye Paisa..
Banned Area News : Jogging in park better than gym
जश्ने आजादी मुबारक हो... जय हिंद
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